Avtar Saini Accident: पुलिस ने कैब चालक के खिलाफ मामला तो दर्ज कर लिया है, लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया है।
इंटेल इंडिया के पूर्व चीफ अवतार सैनी की मुंबई के करीब सड़क हादसे में मौत हो गई। 68 वर्षीय सैनी सुबह-सुबह अपने कुछ साथियों के साथ नवी मुंबई के पाम बीच रोड पर साइकिल चला रहे थे, तभी यह दुर्घटना हुई। एक तेज रफ्तार टैक्सी (कैब) ने सैनी की साइकिल को पीछे से टक्कर मार दी।
पुलिस ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 5.50 बजे नवी मुंबई के नेरुल में पाम बीच रोड पर एक टैक्सी ने अवतार सैनी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि जानेमाने चिप डिजाइनर सैनी की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद टैक्सी चालक ने मौके से फरार होने की कोशिश की।
एनआरआई कोस्टल पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी कैब चालक हृषिकेश खाड़े पर लापरवाही से गाड़ी चलाने समेत आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। अभी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सैनी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सरकारी अस्पताल भेजा गया है।
हादसा नेरुल जंक्शन और एनआरआई-सीवुड्स सिग्नल के बीच हुआ। सैनी को तुरंत डीवाई पाटिल अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जब टैक्सी ने सैनी की साइकिल को पीछे से टक्कर मारी, तो वह सड़क पर घिसटते गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। साइकिल का फ्रेम टैक्सी के अगले पहियों के नीचे फंस गया।
आरोपी ने टक्कर के बाद टैक्सी नहीं रोकी और साइकिल को एक किमी तक घसीटते हुए भागने का प्रयास किया। हालांकि वहां से गुजर रहे कुछ बाइक सवारों टैक्सी का पीछा किया और बेलापुर में नवी मुंबई नगर निगम मुख्यालय के पास रुकने के लिए मजबूर किया।
अवतार सैनी को साइकिल चलाने का शौक था-अवतार सैनी मुंबई के उपनगरीय चेंबूर इलाके में रहते थे। उनकी पत्नी की तीन साल पहले मौत हो गई थी। उनके परिवार में उनका बेटा और बेटी हैं जो अमेरिका में रहते हैं। पुलिस ने उन्हें सूचना दे दी है।
अवतार सैनी इंटेल इंडिया के पूर्व कंट्री हेड थे, उन्हें ‘इंटेल 386’ और इंटेल ‘486 माइक्रोप्रोसेसर’ पर काम करने का श्रेय दिया जाता है। उन्होंने इंटेल के पेंटियम प्रोसेसर के डिजाइन में अहम भूमिका थी और नेतृत्व किया था.
Read More….
1993 Serial Blast Case: 1993 सीरियल ब्लास्ट का आरोपी ‘Dr Bomb’अब्दुल करीम टुंडा कोर्ट से बरी, अन्य दो आरोपियों को उम्रकैद
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के स्थगन आदेशों को छह महीने के बाद स्वत: रद्द करने के खिलाफ नियम बनाए हैं