बिहार में नियोजित शिक्षक अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं. रविवार को पूरे प्रदेश में सक्षमता परीक्षा का एडमिट कार्ड जलाएंगे.

राज्य कर्मी बनने के लिए सक्षमता परीक्षा देने का नियोजित शिक्षक विरोध कर रहे हैं. नियोजित शिक्षकों के तमाम संगठनों ने मिलकर बिहार शिक्षक एकता मंच बनाया है. इसके बैनर तले बीते 13 फरवरी को पटना में हजारों की तादाद में शिक्षकों ने जुटकर सरकार के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. पहले सक्षमता परीक्षा के प्रावधानों को लेकर इनका विरोध था लेकिन अब पूरी तरह से परीक्षा का विरोध कर रहे हैं.

एडमिट कार्ड की प्रति जलाने के बाद 26 फरवरी से शुरू हो रहे सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करेंगे. यही नहीं फॉर्म भरने के बावजूद नियोजित शिक्षक परीक्षा नहीं देंगे. शिक्षकों ने कहा है कि इसके बाद भी यदि 48 घंटे के भीतर बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा नहीं दिया जाता है तो तमाम शिक्षक अपने स्थानीय विधायकों के आवास का घेराव करेंगे.

बिहार शिक्षक एकता मंच के अध्यक्ष प्रमोद कुमार यादव ने कहा की शिक्षकों के आंदोलन को लेकर जिन शिक्षकों पर कार्रवाई हुई है, हम इस कार्रवाई की वापसी की मांग करते हैं. सरकार को सभी कार्रवाई वापस लेते हुए नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्य कर्मी का दर्जा देना होगा और उन्हें ऐच्छिक स्थानांतरण का लाभ देना होगा.

जो शिक्षक सक्षमता परीक्षा देंगे उन्हें शिक्षक एकता मंच से निष्कासित किया जाएगा. इसके अलावा आज शनिवार को हुई आपात बैठक में गाली देने व आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में अपर मुख्य सचिव केके पाठक के विरुद्ध निंदा प्रस्ताव भी लिया गया है.

इसी कड़ी में बिहार शिक्षा के एकता मंच ने शनिवार को आपात बैठक करते हुए सक्षमता परीक्षा का कड़ा विरोध करने का निर्णय लिया है. कल यानी रविवार को शिक्षक एकता मंच के बैनर तले नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा के एडमिट कार्ड का प्रति जलाकर विरोध प्रकट करेंगे. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालय के सामने इसकी प्रति जलाई जाएगी.

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