बिहार में बड़ी सियासी हलचल हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मंगलवार को अचानक बिहार के राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. इस मुलाकात के दौरान नीतीश के साथ जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद थे. राजभवन पहुंचने से पहले सीएम नीतीश एक सरकारी कार्यक्रम में शामिल हुए थे. यहां से वह सीधे राजभवन पहुंचे. बताया जा रहा है कि करीब 40 मिनट तक सीएम नीतीश कुमार की राज्यपाल के साथ बैठक चली. सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार की राज्यपाल से विधानमंडल के बजट सत्र को लेकर चर्चा हुई. यह सत्र बेहद खास हो सकता है.

नीतीश के अचानक राज्यपाल के पास पहुंचने से सियासी सरगर्मियां इसलिए बढ़ गईं, क्योंकि पिछले कुछ समय से नीतीश के एनडीए में वापस जाने की अटलकलें लगाई जा रही हैं. ये अटकलें तब और तेज हो गईं, जब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बयान एक बयान दिया. अमित शाह ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जेडीयू और नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी की संभावना पर टिप्पणी की. उनसे पूछा गया था कि क्या नीतीश कुमार के लिए एनडीए के दरवाजे अब भी खुले हैं? इसके जवाब में गृहमंत्री शाह ने कहा- प्रस्ताव आएगा तो विचार करेंगे.

इस कार्यक्रम के बाद राज्यपाल के पास पहुंचे नीतीश।

नीतीश ने कब-कब मारी पलटी?

आज लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के साथ मिलकर बिहार में सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने ही 1994 में बिहार में जनता दल पर लालू यादव के नियंत्रण के खिलाफ विद्रोह किया था. उन्होंने समता पार्टी बनाने के लिए जॉर्ज फर्नांडीस के साथ गठबंधन किया, जो अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले गठबंधन में भागीदार बनी.

कांग्रेस को लेकर JDU की तरफ से आया ये बयान.

इससे पहले जेडीयू एमएलसी खालिद अनवर का बयान सामने आया था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस के उस दावे को खारिज किया था, जिसमें कांग्रेस ने नीतीश कुमार के राहुल गांधी की जनसभा में शामिल होने की बात कही थी. खालिद ने कहा था कि अब तक नीतीश कुमार को कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं मिला है. पता नहीं कांग्रेस ने नीतीश के शामिल होने का दावा कैसे कर दिया.

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