झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं, चंपई सोरेन अब झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। बता दें कि कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रांची में प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बुधवार को घंटों तक पूछताछ की है।

Hemant Soren ED Live : वहीं, इससे पहले मंगलवार को इस केस में तब नाटकीय मोड़ देखने को मिला जब हेमंत सोरेन अचानक से अंडरग्राउंड हो गए थे। इसके बाद फिर उनकी तलाशी शुरू हो गई थी। लेकिन शाम होते-होते उन्हें रांची में अपने विधायकों के साथ बैठक करते देखा गया था। भाजपा के एक नेता ने तो उनके लिए गुमशुदा का पोस्टर तक लगा दिया था।

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में है। दरअसल, उनके खिलाफ दो अलग-अलग मामले चल रहे हैं। इनमें पहला मामला अवैध खनन लीट पट्टे से जुड़ा है। जबकि दूसरा अवैध जमीन घोटाले का है।

क्या है जमीन घोटाले का पूरा मामलाजमीन घोटाले के मामले में जांच एक सर्कल अधिकारी (सीओ) से शुरू हुई थी। इसके बाद यह जांच आगे बढ़ी और आश्वासन रजिस्ट्रार कार्यालय तक पहुंची। जिससे खुलासा हुआ कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सैकड़ों एकड़ जमीन का फर्जी सौदा हुआ है और इसमें छोटे से बड़े कार्यालयों के अधिकारी और बड़े-बड़े कारोबारी भी शामिल हैं। इन सबके तार आखिर में मुख्यमंत्री तक जुड़ रहे थे।

कौन हैं चंपई सोरेन?

चंपई सोरेन झारखंड विधानसभा के सदस्य हैं। वर्तमान में वह झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से सरायकेला विधानसभा सीट से विधायक हैं। कैबिनेट मंत्री के रूप वह हेमंत सोरेन सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

झारखंड टाइगर’ के नाम से चर्चित

जब बिहार से अलग झारखंड राज्य की मांग उठ रही थी उस दौरान चंपई का नाम खूब चर्चा में रहा। शिबू सोरेन के साथ ही चंपई ने भी झारखंड के आंदोलन में भाग लिया। इसके बाद ही लोग उन्हें ‘झारखंड टाइगर’ के नाम से बुलाने लगे।

2005 में चंपई से पहली बार विधायक बने

2005 में चंपई पहली बार झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए थे। इसके बाद 2009 में भी विधायक बने। उन्होंने सितंबर 2010 से जनवरी 2013 तक विज्ञान और प्रौद्योगिकी, श्रम और आवास मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। वहीं जुलाई 2013 से दिसंबर 2014 तक खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, परिवहन कैबिनेट मंत्री थे।

2014 में तीसरी बार झारखंड विधानसभा के लिए चुने गए। वहीं 2019 में चौथी बार विधायक बने। इसके साथ ही वह हेमंत सरकार में परिवहन, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बन गए।

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