बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद पहले 20 सूत्री कार्यान्वयन समिति भंग की गई, अब आयोग को भी भंग करने का काम सरकार ने शुरू कर दिया है. बिहार सरकार की ओर से फिलहाल चार आयोग को भंग करने की अधिसूचना सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी कर दी है. जिन अयोग को एनडीए की नीतीश सरकार ने भंग किया है उसमें अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग, महादलित आयोग और अति पिछड़ा वर्गों के लिए राज्य आयोग शामिल है.

महागठबंधन सरकार में हुआ था गठन:
बता दें कि चारों आयोग का लंबे अर्से बाद गठन किया गया था. महागठबंधन सरकार में गठित किए गए चारों आयोग में जेडीयू, आरजेडी के साथ कांग्रेस और वामपंथी दलों के नेताओं को भी जगह दी गई थी. फिलहाल अब बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के कारण एनडीए की सरकार बन चुकी है. वहीं नीतीश सरकार के फैसले के बाद महागठबंधन के घटक दल आरजेडी-कांग्रेस और वामदलों को उन कार्यकर्ताओं को बड़ा झटका है, जिन्हें 20 सूत्री कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति में अहम जिम्मेदारी मिली थी.

20 सूत्री कार्यान्वयन समिति भंग:
वहीं 20 सूत्री कमेटियों का गठन भी 10 साल बाद किया गया था, लेकिन वह भी भंग हो चुका है. अब आयोग को भी भंग करने का सिलसिला शुरू किया गया है. आने वाले समय में जो अन्य आयोग है जिसमें कांग्रेस, आरजेडी और वामपंथी दलों के सदस्य शामिल हैं उन्हें भी नीतीश कुमार भंग कर सकते हैं. फिर से नए सिरे से अयोग का गठन होगा जिसमें जेडीयू, बीजेपी और हम के साथ अन्य एनडीए के घटक दलों के नेताओं को जगह दी जाएगी.

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