संसद: अंतरिम बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेगी सरकार, लोकसभा-राज्यसभा में विशेषाधिकार समिति की रिपोर्टसंसद में आज से बजट सत्र की शुरुआत होगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत होगी। दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करने के दौरान राष्ट्रपति केंद्र सरकार के कामकाज और आर्थिक नीतियों की रूपरेखा संसद के पटल पर रखेंगी। अभिभाषण के बाद सरकार आज आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेगी।

विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पेश होगी, सांसदों के भविष्य का फैसला

आज 11 बजे से संसद सत्र की शुरुआत के बाद लोक सभा में विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पेश किया जाएगा। बजट सत्र की शुरुआत के मौके पर राज्यसभा में भी विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट पेश किए जाने का अनुमान है। राज्यसभा के पटल पर रखी जाने वाली इस रिपोर्ट में 11 सदस्यों के भविष्य का निर्धारण होने के आसार हैं। इन सांसदों पर सदन के अंदर अमर्यादित आचरण के आरोप हैं। शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा में 11 सांसदों पर तख्तियां लेकर आने और सदन की कार्यवाही बाधित करने के लिए नारेबाजी करने के आरोप हैं।

एक फरवरी को वित्त मंत्री सीतारमण का बजटीय भाषण

बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली NDA सरकार का यह अंतिम बजट होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इस बार पेश किया जाने वाला लेखा अनुदान बजट मूल रूप से अगली सरकार बनने तक खर्च चलाने के लिए बजटीय आवंटन करने की कवायद होगी। आर्थिक मामलों के जानकारों की मानें तो इसमें बहुत बड़े बदलावों की घोषणा किए जाने की संभावना नगण्य है।

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सत्र शुरू होने से पहले मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। इसमें केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी दी कि शीतकालीन सत्र में सस्पेंड हुए 146 विपक्षी सांसदों के निलंबन को रद्द कर दिया गया है। ये सभी सांसद आज से संसद की कार्यवाही में शामिल हो सकेंगे।

कल पेश होने वाले अंतरिम बजट में सरकार लोकसभा चुनाव के मद्देनजर किसानों को बड़ी राहत दे सकती है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि 6 हजार से बढ़ाकर 9 हजार करने के लिए अंतरिम बजट में राशि का प्रावधान किया जाएगा। इसके अलावा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, घरेलू नवाचार और निजी निवेश को बढ़ावा देने पर सरकार फोकस कर सकती है।

बजट की पूरी प्रोसेस

1. सबसे पहले वित्त मंत्रालय एक सर्कुलर जारी कर सभी मंत्रालयों, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों, स्वायत्त संस्थाओं को नए साल के लिए एस्टीमेट बनाने के लिए कहता है। उन्हें नए साल के लिए अनुमान देने के अलावा पिछले साल की खर्च और आमदनी का ब्योरा भी देना होता है।

2. एस्टीमेट मिलने के बाद केंद्र सरकार के आला अफसर उसकी पड़ताल करते हैं। इस पर संबंधित मंत्रालयों और व्यय विभाग के अधिकारियों की गहन चर्चा होती है। इसके बाद आंकड़ों को सिफारिशों के साथ वित्त मंत्रालय के पास भेजा जाता है।

3. वित्त मंत्रालय सभी सिफारिशों पर गौर करने के बाद विभागों को उनके खर्च के लिए राजस्व का आवंटन करता है। राजस्व और आर्थिक मामलों का विभाग हालात को गहराई से समझने के लिए किसानों और छोटे कारोबारियों के प्रतिनिधियों और विदेशी संस्थागत निवेशकों से संपर्क करता है।

4. प्री बजट मीटिंग में वित्त मंत्री संबंधित पक्षों के प्रस्ताव और मांगों को जानने के लिए उनसे मिलते हैं। इनमें राज्यों के प्रतिनिधि, बैंकर, कृषि विज्ञानी, अर्थशास्त्री और कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। प्री-बजट मीटिंग खत्म होने के बाद वित्त मंत्री सभी मांगों पर अंतिम फैसला लेते हैं। बजट को अंतिम रूप दिए जाने से पहले वित्त मंत्री प्रधानमंत्री से भी बात करते हैं।

5. बजट पेश होने से कुछ दिन पहले हलवा सेरेमनी होती है। एक बड़ी सी कड़ाई में तैयार किया जाने वाला हलवा वित्त मंत्रालय के स्टाफ में बांटा जाता है। इसी के साथ बजट की छपाई प्रक्रिया शुरू होती है। प्रक्रिया में लगे अधिकारी और सपोर्ट स्टाफ बजट पेश होने तक मंत्रालय में ही रहते हैं। इस वित्त वर्ष के बजट की प्रिंटिंग नहीं हुई और संसद सदस्यों को उसकी सॉफ्ट कॉपी दी गई।

6. वित्त मंत्री आम बजट को लोकसभा में पेश करते हैं। 2016 तक फरवरी के अंतिम दिन पेश होता था। 2017 से यह हर साल 1 फरवरी को पेश होने लगा। इस साल पहली बार बजट के सभी दस्तावेज Union Budget मोबाइल पर उपलब्ध कराए गए।

क्या होता है बजट

जिस तरह से हमें अपने घर को चलाने के लिए एक बजट की जरूरत होती है, उसी तरह से देश को चलाने के लिए भी बजट की जरूरत पड़ती है। हम अपने घर का जो बजट बनाते हैं, वो आमतौर पर महीनेभर का होता है।इसमें हम हिसाब-किताब लगाते हैं कि इस महीने हमने कितना खर्च किया और कितना कमाया। इसी तरह से देश का बजट भी होता है। इसमें सालभर के खर्च और कमाई का लेखा-जोखा होता है।

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