साल 1997 में फिल्म आई थी ‘राजा की आएगी बारात’, जिसमें रानी मुखर्जी, दिव्या दत्ता, गुलशन ग्रोवर, सईद जाफरी के साथ-साथ शादाब खान भी नजर आए थे। ये फिल्म बॉक्स पर बुरी तरह पिटी थी। मगर क्या आप जानते हैं, इसमें ‘शोले’ के गब्बर यानी अमजद खान के बेटे नजर आए थे। आजकल वह कहां हैं और क्या कर रहे हैं, आइए बताते हैं।

​बॉलीवुड में नेपोटिज्म की अक्सर चर्चा होती है। हालांकि कुछ का सिक्का चमक जाता है और कुछ सितारों के बच्चे अपने माता-पिता की विरासत को आगे बढ़ाने में असफल हो जाते हैं। फिल्म इंडस्ट्री में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं। इन्हीं में से एक हैं दिवंगत अभिनेता अमजद खान के बेटे शादाब खान। उनके पिता एक बड़े बॉलीवुड स्टार थे और अपने समय के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले सपोर्टिंग एक्टर्स में से एक थे। लेकिन उनके बेटे फ्लॉप हो गए। आज हम उनके बारे में ही बात करेंगे।

शादाब खान ने साल 1997 में रानी मुखर्जी के साथ ‘राजा की आएगी बारात’ से शानदार शुरुआत की थी। मगर जो उपलब्धि रानी मुखर्जी को मिली, वो शादाब को नहीं मिली। शादाब खान ने उसी साल 1997 में फिल्म ‘बेताबी’ में चंद्रचूड़ सिंह और अरशद वारसी के साथ सोपोर्टिंग रोल किया था। इसमें भी किसी का ध्यान उन पर नहीं गया।शादाब खान ने 2005 में रुमाना अचवा से शादी की थी। एक इंटरव्यू में एक्टर ने कहा था कि उनकी पहली फिल्म उनकी ‘सबसे बड़ी गलती’ थी, जिसका उनके करियर पर गहरा प्रभाव पड़ा।

शादाब खान ने कहा था, ‘मुझे राजा की… से डेब्यू नहीं करना चाहिए था। मैं बहुत छोटा था। अपने डेब्यू से पहले मेरा वजन लगभग 145 किलो था और उस फिल्म के लिए मैंने अपना सारा वजन कम कर लिया था। वह वजन कम होना मेरे चेहरे पर झलक रहा था। मैं बहुत चिड़चिड़ा, दुबला-पतला, कच्चा और अजीब से लग रहा था। मेरा डेब्यू मेरी तरफ से एक गलती थी। किसी और की नहीं।

अमजद खान की मौत के बाद शादाब को उनकी विरासत को आगे ले जाने के लिए एक्टिंग की दुनिया में कदम रखना पड़ा। उन्होंने बताया था, ‘मैं कॉलेज में नहीं रहना चाहता था। मैं पढ़ाई नहीं करना चाहता था। मैं तो बस किसी भी तरह इस बिजनेस में आना चाहता था। अपना वजन कम करने के बाद, मेरी फोटो मैग्जीन की कवरपेज पर आई, जिसने विनोद खन्ना का ध्यान खींचा। वह चाहते थे कि मैं हिमालय पुत्र (1997) से लॉन्च हो जाऊं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसके बाद मुझे मेरी पहली फिल्म मिल गई।

शादाब ने कहा कि सारी फिल्में फ्लॉप हो गईं, ‘कहीं न कहीं, मैं सोचने लगा कि यह मेरे लिए सही पेशा नहीं है। जब मैं यहां आया तो मुझे लगा कि शायद मैं बहुत छोटा था, इसीलिए मैंने इस इंडस्ट्री से दूरी बना ली। करीब 17 साल तक मैंने एक्टिंग पूरी तरह छोड़ दी थी। मुझे नहीं पता था कि मैं इस बिजनेस का हिस्सा बनना चाहता हूं या नहीं। उस समय, मेरा वजन फिर से बढ़ गया और लगभग 135 किलो हो गया। मैंने नॉवेल लिखना शुरू कर दिया था।

जॉन अब्राहम के साथ 2019 की फिल्म की शूटिंग को याद करते हुए शादाब ने बताया था, ‘शूटिंग से ठीक पहले, किसी घटना के कारण मेरा पेट और छाती थर्ड डिग्री जल गया था और डॉक्टरों ने मुझे आराम करने के लिए कहा। लेकिन मैं उस फिल्म को हाथ से जाने नहीं दे सकता था क्योंकि मैं कमबैक करना चाहता था। और मुझे पता था कि इस इंडस्ट्री में मेरी मदद करने वाला कोई नहीं है। मैंने पेन कलम लीं और फिल्म की शूटिंग की, और एक बार अपने घावों पर सैनिटाइजर की एक पूरी बोतल डाल दी। तीन दिन बहुत जलन हुई। मगर बाद में शूटिंग की।

शादाब खान ने फिर 4 साल बाद कमल हासन की फिल्म ‘हे राम’ में काम किया। इसमें उनका रोल छोटा था। और इससे भी बात नहीं बनी। इन्होंने ‘रिफ्यूजी’ में कैमियो किया, जिसमें अभिषेक और करीना नजर आए थे। लेकिन यहां भी उनका खाता नहीं खुला। फ्लॉप करियर के कारण शादाब खान ने फिल्में छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने लेखन करना शुरू कर दिया। उन्होंने पिता अमजद की बायोग्राफी लिखी, जिसे अमिताभ बच्चन ने लॉन्च किया था।

शादाब खान को बॉलीवुड में शांति मेमोरियल और मर्डर नाम के दो उपन्यासों से भी कुछ सफलता मिली। उन्होंने कुछ फिल्मों की स्क्रिप्ट भी लिखी है। शादाब खान को आखिरी बार 2019 में जॉन अब्राहम स्टारर फिल्म ‘रोमियो अकबर वाल्टर’ में बतौर एक्टर देखा गया था। इसके बाद उन्हें 2020 की वेब सीरीज स्कैम 1992 में भी देखा गया था।

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