ट्रांसफर-पोस्टिंग में हिस्सेदारी की राजद की मांग समाप्त होते ही राज्य सरकार ने ताबड़तोड़ ट्रांसफर किया। इसमें आइएएस, आइपीएस बिहार प्रशासनिक सेवा और बिहार राजस्व सेवा के अधिकारी शामिल हैं। सभी संवर्ग के इन अधिकारियों की संख्या छह सौ से अधिक है।
इसमें सबसे महत्वपूर्ण है अंचलाधिकारियों का तबादला। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने एक ही अधिसूचना के माध्यम से बिहार राजस्व सेवा के 478 अधिकारियों का तबादला कर दिया। इनमें अधिसंख्य अंचलाधिकारी हैं। यह वही तबादला है, जिसकी अधिसूचना पिछले साल जून में हुई थी, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश पर एक सप्ताह बाद ही रोक दिया गया था।
पुराने ट्रांसफर में गड़बड़ी का था आरोप।
आरोप था कि इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है। मुख्यमंत्री के पास यह फाइल जुलाई में ही गई थी।लेकिन, सहयोगी राजद के साथ सहमति न बन पाने के कारण निर्णय नहीं हो रहा था। इसबीच राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री आलोक मेहता को शिक्षा मंत्री बना दिया गया। उनकी जगह लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री ललित यादव को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का प्रभार दिया गया।
इसी तरह आइएएस और आइपीएस अधिकारियों के तबादले में भी राजद अपने हिस्से की मांग कर रहा था। मुख्यमंत्री राजद की ओर से दिए गए अधिकारियों से सहमत नहीं थे। इसलिए तबादले की फाइल पड़ी रही।
शुक्रवार को जैसे ही साफ हुआ कि राजद के दबाव से सरकार मुक्त होने जा रही है, तबादले की सूची जारी कर दी गई। इसके अलावा बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के तबादले भी किए गए हैं। इनमें अनुमंडलाधिकारी भी हैं, विधानसभा चुनाव में जिनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है।