भाजपा ने सार्वजनिक रूप से 400 पार का ऐलान कर दिया है । 17वीं लोकसभा के अंतिम सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुद आगामी लोकसभा चुनाव में राजग के 400 से अधिक सीटें और अकेले भाजपा के 370 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया।

चर्चा के दौरान विपक्षी नेताओं के नकारात्मक रूख पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष ने लंबे समय तक वहीं (विपक्ष की कुर्सी) पर रहने का संकल्प ले लिया है। लगभग 100 मिनट के अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्ष को घेरने और एक-एक पाई वसूलने के संकल्प के साथ ही महिलाओं, गरीबों, युवाओं और किसानों के लिए पिछले 10 सालों में किये गए कामों का हिसाब भी दिया।

कांग्रेस-आईएनडीआईए का एलानमेंट भी बिगड़ा

राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करने की कोशिश में न सिर्फ कांग्रेस की दुकान पर ताला लगने की नौबत आ गई बल्कि आईएनडीआईए का एलानमेंट भी बिगड़ गया। लोकतंत्र में विपक्ष की अहमियत बताते हुए उन्होंने विपक्ष के ताजा हालात के लिए सीधे तौर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।

कांग्रेस ने तेजस्वी नेताओं को उभरने नहीं दिया

उनके अनुसार कांग्रेस के पास बेहतर विपक्ष की भूमिका निभाने के लिए 10 साल का समय मिला था, लेकिन परिवारवाद के कारण कांग्रेस ने इस अवसर को गंवा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी को लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस ने विपक्ष में तेजस्वी नेताओं को उभरने नहीं दिया।

अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में ही दिखेंगे

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हालात यह है कि विपक्ष के बहुत सारे सांसद चुनाव लड़ने का हौसला भी खो चुके हैं और जिस तरह की राजनीति कर रहे हैं, उसकी वजह से ‘अगले चुनाव में दर्शक दीर्घा में ही दिखेंगे।’ दक्षिण भारत को अलग देश बनाने के कांग्रेस सांसद डीके सुरेश के बयान का प्रधानमंत्री ने तीखा प्रतिकार किया।

अब कितने टुकड़े करोगे

कांग्रेस पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि ये लोग देश में एक अलग देश बनाने की बात करते हैं। उन्होंने कहा कि देश के इतने टुकड़े करके भी समाधान नहीं हुआ और अब कितने टुकड़े करोगे। भाषण के दौरान विपक्ष की ओर से मुस्लिम समाज को अनदेखी करने के आरोप पर प्रधानमंत्री ने कड़ा ऐतराज जताया।

विपक्षी नेताओं की एकता पर करारा प्रहार

उन्होंने कहा कि सरकार महिला, युवा, गरीब और किसान के कल्याण के लिए काम कर रही है, उसमें सभी समाहित हैं। विपक्षी सांसदों को आइना दिखाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि कब तक टुकड़ों में सोचते रहोगे, समाज को बांटते रहोगे। प्रधानमंत्री मोदी ने भ्रष्टाचार के आरोपों में फंसे विपक्षी नेताओं की एकता पर करारा प्रहार किया।

तीर निशाने पर लगा है

भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर विपक्ष की मुसीबत और गुस्से को जायज ठहराते हुए उन्होंने कहा कि असल में तीर निशाने पर लगी है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को अदालत से सजा हो चुकी है, पेरोल पर बाहर हैं, उन्हें कंधे पर घुमाने का काम किया जा रहा है। उन्हें महान बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपने ही खात्मे की चिट्ठी पर हस्ताक्षर कर रहे हैं।

एजेंसियां स्वतंत्र हैं

प्रधानमंत्री ने साफ किया कि जांच एजेंसियां स्वतंत्र हैं और संविधान के तहत काम कर रही हैं। उनके काम पर फैसला करने का अधिकार न्यायाधीश को है। उन्होंने साफ किया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें एक-एक पाई लौटानी होगी। प्रधानमंत्री ने भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी को लेकर विपक्ष के हमलों का भी आंकड़ों के साथ सिलसिलेवार जवाब दिया।

कांग्रेस आती है, महंगाई लाती है

पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी से लेकर मनमोहन सिंह की सरकार तक महंगाई को लेकर दिये बयानों और आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ‘इतिहास गवाह है, जब भी कांग्रेस आती है, महंगाई लाती है।’ इस क्रम में उन्होंने जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी के लालकिले से दिये गए भाषण का हवाला देते हुए कहा कि महंगाई पर नियंत्रण में विफल रहने के बाद इन दोनों ने जनता को ही हीन भावना से ग्रसित करने का प्रयास किया।वैश्विक संकट के बावजूद महंगाई नियंत्रण में

संप्रग सरकार के 10 सालों से तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय महंगाई दहाई अंकों में थी, जबकि राजग सरकार में यूक्रेन-रूस व इस्त्राइल-हमास युद्ध और कोरोना जैसे वैश्विक संकट के बावजूद लगातार यह नियंत्रण में रही। इसी तरह से उन्होंने पिछले 10 सालों में ईपीएफओ में 18 करोड़ नए सदस्यों के जुड़ने के साथ-साथ पहली बार आठ करोड़ लोगों के मुद्रा लोन लेकर रोजगार शुरू करने का हवाला दिया।

निवेश युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर ला रहा

उन्होंने बताया कि स्टार्टअप, डिजिटल इकोनॉमी, पर्यटन और उड्डयन क्षेत्र के साथ-साथ आधारभूत संरचना में बड़े पैमाने पर निवेश युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर ला रहा है। उन्होंने बताया कि किस तरह से डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के खाते में 30 लाख करोड़ से अधिक पहुंचाया गया है।

10 करोड़ फर्जी लोगों को हटाने का काम किया

कांग्रेस के जमाने में भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ‘जिस बेटी का जन्म भी नहीं हुआ, उसको विधवा पेंशन जाते थे।’ उन्होंने कहा कि हमने ऐसे 10 करोड़ फर्जी लोगों को हटाने का काम किया है। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री महिला, गरीब, युवा और किसान को साधने की भरपूर कोशिश की।

पिछड़ी जातियों को साधने की कोशिश

इन चार जातियों को अपनी प्राथमिकता बताने वाले प्रधानमंत्री ने विस्तार से उनके लिए पिछले 10 सालों किये गए कामों का ब्यौरा दिया। विश्वकर्मा योजना और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का हवाला उन्होंने अति पिछड़ी जातियों को भी साधने की कोशिश की। विकसित भारत बनाने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर फेंके गए हर पत्थर को वे विकसित भारत की नींव बना देंगे।

नेहरू और इंदिरा को लेकर क्या कहा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भी निशाना साधा. उन्होंने दोनों पूर्व प्रधानमंत्रियों के भाषण के चुनिंदा अंश पढ़े.पीएम मोदी ने आरोप लगाया, “कांग्रेस की जो मानसिकता है, जिसका देश को बहुत नुक़सान हुआ है. कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी भी विश्वास नहीं किया. वो अपने आपको शासक मानते रहे, जनता जनार्दन को कमतर आंकते गए.”उन्होंने कहा, “देश के नागरिकों के लिए कैसा सोचते थे, मैं जानता हूं कि नाम बोलते ही उनको चुभन होगी.

15 अगस्त को लाल किले से भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (जवाहर लाल नेहरू) ने जो कहा था, वो पढ़ता हूं- हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर से नहीं है. हम इतना काम नहीं करते जितना की यूरोप वाले, या जापान वाले या चीन वाले या रूस वाले या अमेरिका वाले करते हैं. ये न समझिए, कि वो कौमें, कोई जादू से खुशहाल हो गई, वो मेहनत से हुई है और अक्ल से हुई है.

”मोदी ने कहा, “वो (जवाहर लाल नेहरू) उनको सर्टिफिकेट दे रहे हैं और भारत के लोगों को नीचा दिखा रहे हैं. यानी नेहरू की भारतीयों के प्रति सोच थी कि भारतीय आलसी हैं, भारतीय कम अक्ल के लोग होते हैं.”पीएम मोदी ने कहा, “इंदिरा जी की सोच भी, उससे ज़्यादा अलग नहीं थी. इंदिरा जी ने जो लाल किले से 15 अगस्त को कहा था- दुर्भाग्यवश हमारी आदत ये है जो कोई शुभकाम पूरा होने को होता है तो हम आत्मतुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं और जब कोई कठिनाई आ जाती है तब हम नाउम्मीद हो जाते हैं. कभी कभी तो ऐसा लगने लगता है कि पूरे राष्ट्र ने ही पराजय भावना को अपना लिया है.”उन्होंने कहा, “इंदिरा जी भले ही देश के लोगों का आकलन सही नहीं कर पाईं लेकिन कांग्रेस का एकदम सटीक आकलन उन्होंने किया था.कांग्रेस के शाही परिवार के लोग मेरे देश के लोगों को ऐसा ही समझते थे.

”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर का ज़िक्र करते हुए भी पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर सवाल उठाए.उन्होंने कहा, “इसी सदन में अगर कश्मीर की बात होती थी तो हमेशा चिंता का स्वर निकलता था, आज जम्मू कश्मीर में अभूतपूर्व विकास की चर्चा होती है. गर्व के साथ होती है. पर्यटन लगातार बढ़ रहा है. 370 को लेकर कैसे हौवा बनाकर रखा था.”पीएम मोदी ने कहा, “ये समस्या किसकी देन थी? किसने देश के माथे पर मारा था?

किसने भारत के संविधान के अंदर इस प्रकार की दरार करके रखी हुई थी? अगर नेहरू जी का नाम लेते हैं तो उनको (कांग्रेस को) बुरा लगता है. लेकिन कश्मीर को जो समस्याएं झेलनी पड़ीं उसके मूल में उनकी ये सोच थी, और उसी परिणाम देश को भुगतना पड़ रहा है. जम्मू कश्मीर के लोगों को, देश के लोगों का नेहरू जी की गलतियों की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है.

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