अखिलेश यादव और राहुल गांधी : यूपी में INDIA गठबंधन ने NDA को मात दे दी है। अखिलेश यादव और राहुल गांधी की रणनीति कैसे भाजपा पर भारी पड़ गई आइए जानते हैं…

लोकसभा चुनाव 2024 की गणना में भाजपा को सबसे करारा झटका उत्तर प्रदेश से लगा है। साल 2014 और 2019 में भाजपा यूपी के रास्ते से केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब रही, लेकिन 2024 में ‘दो लड़कों’ की जोड़ी ने बाजी पलट दी।

यूपी में अखिलेश यादव और राहुल गांधी का चला जादू
यूपी में अखिलेश यादव और राहुल गांधी का चला जादू

बीजेपी को 400+ पहुंचने से रोकने में सपा और कांग्रेस कामयाब दिखी। आइए जानते हैं कि यूपी में इन ‘दो लड़कों’ ने बाजी कैसे पलटी…शाम 7 बजे तक के रुझानों में भाजपा 80 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें जीत चुकी है और 11 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।

समाजवादी पार्टी 8 सीटें जीत चुकी है और 30 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस 6 सीटों पर तो रालोद 2 सीटों पर दबदबा बनाए हुए है। इसके बाद, आजाद समाज पार्टी 1 सीट पर और बची लास्ट 1 सीट पर अपना दल की अनुप्रिया पटेल हैं।

अखिलेश का पीडीए फॉर्मूला हिट

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 में यादव-मुस्लिम परस्त वाली छवि को हटाने के लिए पीडीए फॉर्मूला आजमाया। इसके लिए, सपा ने उत्तर प्रदेश में गैर- यादव और गैर-मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव खेला।

आरक्षण और संविधान का दांव

बीजेपी और उसके सहयोगी दलों की सोशल इंजीनियरिंग पर राहुल गांधी का संविधान और आरक्षण का मुद्दा भारी पड़ता नजर आया। राहुल गांधी के साथ- साथ अखिलेश यादव भी संविधान और आरक्षण का नैरेटिव बनाते नजर आए थे। इसके अलावा बीजेपी के कुछ नेताओं ने यह भी कहा था कि 400 सीटें आईं तो संविधान बदल दिया जाएगा। इसका नतीजा यह रहा कि दलित समुदाय बीजेपी और बसपा का साथ छोड़ इंडिया गठबंधन को वोट किया।

मुसलमानों की वोटिंग पैटर्न ने बदला गेम

उत्तर प्रदेश में बसपा ने बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के प्रत्याशी उतारे थे जबकि सपा 4 और कांग्रेस ने यूपी में सिर्फ दो मुस्लिम को प्रत्याशी बनाया था। इसके बावजूद मुसलमानों ने इंडिया गठबंधन के गैर-मुस्लिम प्रत्याशियों को अहमियत दी।

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