DNB.रायपुर| विधेयक पारित होने के चार दिन बाद भी राज्यपाल ने इस पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं। इस बीच खाद्य एवं संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने आदिवासी समाज के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात की है। उन्होंने राज्यपाल से आरक्षण विधेयकों पर हस्ताक्षर का आग्रह किया है। अमरजीत भगत का कहना है कि राज्यपाल ने एक-दो दिन में हस्ताक्षर करने का आश्वासन दिया है।
विधानसभा के विशेष सत्र में दो अक्टूबर को आरक्षण का नया अनुपात तय करने वाले दो संशोधन विधेयक पारित किये गये थे। विधेयक पारित होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री रविन्द्र चौबे, विधि मंत्री मोहम्मद अकबर, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव डहरिया उसी रात को राजभवन पहुंचे थे। वहां उन्होंने राज्यपाल अनुसूईया उइके से मुलाकात कर विधानसभा में पारित दोनों विधेयकों की प्रतियां सौंपकर हस्ताक्षर का आग्रह किया। उस समय राज्यपाल ने नियमानुसार कार्रवाई की बात कही थी।
अगले दिन मीडिया से बातचीत में राज्यपाल ने सोमवार तक हस्ताक्षर कर देने की बात कही थी। सोमवार को दिन भर राजभवन के कानूनी सलाहकारों और अफसरों की टीम विधेयक की समीक्षा में लगी रही। मंगलवार को राज्यपाल ने सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव कमलप्रीत को बुलाकर चर्चा की। उन्होंने उनसे पूछा कि इस कानून को कोई अदालतों में चुनौती दे तो उससे निपटने के लिए सरकार के पास क्या इंतजाम हैं।
जवाब में कहा गया, महाधिवक्ता का कार्यालय ऐसी किसी चुनौती से निपटने को तैयार है। उसके बाद से यह विधेयक राज्यपाल के पास ही पड़ा है। उसमें फिलहाल कोई प्रगति होती नहीं दिख रही है। बुधवार को राज्यपाल से मुलाकात के बाद मंत्री अमरजीत भगत ने कहा, बातचीत सकारात्मक रही है। राज्यपाल की ओर से जिस तरह का आश्वासन दिया गया है उससे लग रहा है आरक्षण का फ़ायदा लोगों को बहुत जल्द मिलेगा। उन्होंने कहा, राज्यपाल ने एक दो दिन के भीतर हस्ताक्षर करने का आश्वासन दिया है। राजभवन की ओर से अभी इसपर कोई प्रतिक्रया नहीं आई है।