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PM Modi In Varanasi : 13202 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का किया लोकार्पण और शिलान्यास. दिया भोजपुरी मे भाषण कहा बाबा जौन चाहेलन उके के रोक पावेला.

PM Modi In Varanasi: वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भोजपुरी बोलकर की। उन्होंने मंच से कहा कि ‘बाबा जौन चाहेलन उके के रोक पावेला। इसलिए काशी में सबसे पहले कहा जाता है, नम: पार्वती पतये हर हर महादेव। इस पर वहां पर मौजूद सभी जनता हाथ उठाकर ‘नम: पार्वती पतये हर हर महादेव’ के नारे लगाई

PM Modi In Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी में हैं। गुरुवार रात 9: 45 बजे पीएम मोदी वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। प्रधानमंत्री का काफिला जब बाबतपुर एयरपोर्ट से बरेका गेस्टहाउस रवाना हुआ तो बड़ी संख्या में लोग सड़क के किनारे उनके स्वागत में रहे। काफिला जब फुलवरिया फोरलेन पर पहुंचा तो पीएम अपनी कार रुकवाकर उतर गए। उनके साथ बैठे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उतर गए

PM Modi in Varanasi

इसके बाद पीएम ने कुछ दूर तक टहलकर न केवल निर्माण कार्य का जायजा लिया बल्कि सड़क किनारे जुटे और घरों की छतों व दरवाजों पर खड़े लोगों का हाथ हिलाकर अभिवादन भी किया। वह सीधे गुजरात से दो दिवसीय दौरे पर काशी आये हैं। शुक्रवार को पीएम मोदी अमूल प्लांट सहित 13202 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया।

बीएचयू में पीएम मोदी का भोजपुरी अंदाज

पीएम नरेंद्र मोदी आज वाराणसी के बीएचयू में संसद संस्कृत प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार दिए। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत भोजपुरी में ‘बाबा जौन चाहेलन उके के रोक पावेला से की। उन्होंने कहा कि काशी में इसलिए सबसे पहले कहा जाता है, नम: पार्वती पतये हर हर महादेव। इस पर वहां पर मौजूद सभी जनता हाथ उठाकर ‘नम: पार्वती पतये हर हर महादेव’ के नारे लगाई

काशी में विकास का डमरू बज रहा है: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हम सब तो निमित्त मात्र हैं, काशी में करने वाले तो महादेव हैं, जहां महादेव की कृपा हो जाती है, वह धरती ऐसे ही संपन्न हो जाती है। काशी में विकास का डमरू बज रहा है। एक समय था, जब भारत की समृद्धि गाथा पूरे विश्व में कही जाती थी। इसके पीछे भारत की केवल आर्थिक ताकत ही नहीं थी। इसके पीछे हमारी सांस्कृतिक समृद्धि भी थी, सामाजिक और आध्यात्मिक समृद्धि भी थी।

पूरे देश से और दुनिया के कोने-कोने से भी ज्ञान, शोध और शांति की तलाश में लोग काशी आते हैं। हर प्रांत, हर भाषा, हर बोली, हर रिवाज के लोग काशी आकर बसे हैं, जिस स्थान पर ऐसी विविधता होती है, वहीं नए विचारों का जन्म होता है।

10 सालों में काशी में हुए विकास

पीएम मोदी ने कहा ‘काशी तो सर्वविद्या की राजधानी है, आज काशी का वो सामर्थ्य और स्वरूप फिर से संवर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि जिस काशी को काल से भी प्राचीन कहा जाता है, उसकी पहचान को युवा पीढ़ी जिम्मेदारी से सशक्त बना रही है। ये पूरे भारत के लिए गौरव की बात है। पिछले 10 वर्षों में काशी में विकास के जो कार्य हुए हैं।

काशी के बारे में संपूर्ण जानकारी पर आज यहां दो बुक भी लांच की गई है। पिछले 10 वर्ष में काशी ने विकास की जो यात्रा तय की है, उसके हर पड़ाव और यहां की संस्कृति का वर्णन इस बुक में भी किया गया है

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