Saturday, March 25, 2023
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निजी भूमि में लगे पेड़ों को काटने के लिए अनुमति अनिवार्य नहीं

DNB रायपुर| मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य शासन द्वारा निजी भूमि पर कृषि के रूप में रोपित वृक्षों और प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों की कटाई के नियमों का सरलीकरण किया गया है। जिसके अनुसार अब भूमिस्वामी अपनी भूमि में कृषि के रूप में रोपित वृक्षों की कटाई स्वयं करवा सकेंगे। पेड़ों की कटाई के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, उन्हें मात्र अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को सूचना देनी होगी। भूमिस्वामी वन विभाग से भी वृक्ष कटवा सकेंगे।
इसी प्रकार भूमि पर प्राकृतिक रूप से उगे हुए वृक्षों की कटाई के लिए भूमिस्वामी को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को आवेदन देना होगा। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को निर्धारित प्रक्रिया के तहत निश्चित समयावधि में लिखित अनुमति देनी होगी। यदि आवेदक को समयावधि के बाद अनुमति नहीं मिलती तो वे पेड़ कटाई के लिए स्वतंत्र होंगे।
प्राकृतिक रूप से उगे वृक्षों की कटाई की अनुमति के लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को आवेदन प्राप्ति के 45 कार्य दिवस के भीतर निर्धारित प्रक्रिया के तहत अनुमति देनी होगी। यदि आवेदक को लिखित अनुमति प्राप्त नहीं होती है तो वे स्मरण पत्र दे सकेंगे। यदि अगले 30 कार्यदिवस के भीतर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से लिखित अनुमति प्राप्त नहीं होती है तो इसे अनुमति माना जाएगा और भूमिस्वामी वृक्षों की कटाई के लिए स्वतंत्र होगा। इस संबंध में हुए विलम्ब एवं नियमों का उल्लंघन होता है तो उसके लिए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व उत्तरदायी होंगे। यदि भूमि स्वामी चाहें तो वन विभाग के माध्यम से भी वृक्षों की कटाई करा सकेंगे। एक कैलेण्डर वर्ष भूमि पर प्राकृतिक रूप से उगे अधिकतम 4 वृक्ष प्रति एकड़ के मान से एवं अधिकतम कुल 10 वृक्षों की कटाई की अनुमति दी जा सकेगी।

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