New EV Policy Approved: भारत सरकार ने देश को इलेक्ट्रिक वाहनों के मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में विकसित करने के लिए एक नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति (New EV Policy) को मंजूरी दे दी है.
केंद्र सरकार ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपनी नई ईवी नीति (New EV Policy) को मंजूरी दे दी है। मोदी सरकार का इस फैसले से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में तेजी आएगी। इस नीति के तहत देश में अब कंपनियां न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रिक व्हीकल के निर्माण के प्लांट लगा सकती है।
फिलहाल अधिकतम निवेश की कोई भी सीमा नहीं तय की गई है। इस नीति के अनुसार, कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों में न्यूनतम 25 फीसदी देश में निर्मित कल-पुर्जों का इस्तेमाल करना ही होगा। नीति के अनुसार, कंपनियों को तीन साल के भीतर भारत में अपनी विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने और ईवी का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने की आवश्यकता है।
15 फीसदी से कम लगेगा आयात शुल्क
वाहन निर्माण क्षेत्र की उन कंपनियों को जो नई वाहन नीति में उल्लिखित शर्तों को पूरा करेंगी उन्हें 35 हजार डॉलर या उससे अधिक महंगी कारों पर 15 फीसदी से कम आयात शुल्क लगेगा। अभी भारत आयातित कारों पर 70 से 100 फीसदी तक कर वसूलता है। कार के मूल्य के आधार पर वाहन कंपनी को हर साल 8,000 इलेक्ट्रिक वाहनों को आयात करने की अनुमति दी जाएगी।
सरकार द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि इस कदम से नवीनतम तकनीक तक पहुंच प्रदान करने और ईवी इकोसिस्टम को बढ़ाने और मेक इन इंडिया पहल में समर्थन मिलने की उम्मीद है। इम्पोर्ट किए जा सकने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों पर शुल्क छूट वार्षिक पीएलआई प्रोत्साहन (6,484 करोड़ रुपये) या मैन्युफैक्चरिंग कंपनी द्वारा किए गए निवेश, जो भी कम हो, तक सीमित है।
मेक इन इंडिया को मिलेगा बल
मंत्रालय के अनुसार “यह नीति भारतीय उपभोक्ताओं को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक पहुंच प्रदान करेगी, ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगी, ईवी निर्माताओं के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करेगी। जिसकी वजह से उच्च उत्पादन मात्रा, पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, उत्पादन लागत में कमी, कच्चे तेल के आयात में कमी, व्यापार घाटे में कमी, खासकर शहरों में वायु प्रदूषण में कमी होगी और स्वास्थ्य और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
नई नीति से हर किसी को अपनी मांगें रखने का अधिकार है: पीयूष गोयल
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा नई नीति बनाने को लेकर कुछ दिनों पहले ही घोषण कर दी थी। भारत विदेशी कार निर्माताओं को लाभ पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क नीति में कोई बदलाव नहीं करेगा। एक इंटरव्यू में पीयूष गोयल ने कहा था कि सरकार किसी एक विशेष कंपनी या उसके हितों के लिए नीति नहीं बनाती है। हर किसी को अपनी मांगें रखने का अधिकार है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार आपकी मांग के आधार पर ही फैसला लेगी।
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