Maratha Reservation: मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण लागू हो गया है।
मराठा आरक्षण को लेकर बड़ी खबर है। महाराष्ट्र विधानमंडल के विशेष सत्र में पारित मराठा आरक्षण विधेयक अब कानून बन गया है और राज्य में इसका क्रियान्वयन (Maratha Quota Applied) भी शुरू हो गया है। राज्य में मराठा आरक्षण 26 फरवरी से लागू हो गया है। मराठा आरक्षण विधेयक विधानमंडल में पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।
मिली जानकारी के मुताबिक, राज्यपाल रमेश बैस के हस्ताक्षर के बाद यह मराठा आरक्षण विधेयक अब कानून बन गया है। इस संबंध में राजपत्र भी जारी कर दिया गया है। इसके साथ ही मराठा समुदाय के लिए अलग वर्ग के तहत नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू हो गया है।
मराठा समुदाय के लिए इसे बड़ी राहत माना जा रहा है। हालांकि यह आरक्षण राज्य में पहले से चल रही सरकारी भर्तियों पर लागू नहीं होगा। लेकिन 26 फरवरी और उसके बाद शुरू होने वाली सरकारी भर्तियों में मराठा समुदाय के लिए 10 फीसदी पद आरक्षित होंगे।
मालूम हो कि महाराष्ट्र विधानमंडल ने 20 फरवरी को एक-दिवसीय विशेष सत्र के दौरान सर्वसम्मति से एक अलग श्रेणी के तहत शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला विधेयक पारित किया। लेकिन मनोज जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग पर अड़े हुए हैं। साथ ही कुनबी मराठों के ‘रक्त संबंधियों’ को भी आरक्षण का लाभ देने की मांग कर रहे है
मराठा आरक्षण आंदोलन की अगुवाई कर रहे जरांगे का दावा है कि मराठा समुदाय को अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक कोर्ट में टिक नहीं पाएगा। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह विधेयक सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर लाया गया है और यह कोर्ट में भी स्वीकार्य होगा.
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