गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने विधानसभा चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड 156 सीटों पर जीत दिलाकर एक नया कीर्तिमान तो स्थापित किया ही है, अब आगामी लोकसभा चुनाव में वह राज्य की सभी 26 लोकसभा सीटों को पांच-पांच लाख के अंतर से जीतने का दावा कर रहे हैं। उनका यह काम इसलिए और आसान हो रहा है चूंकि कांग्रेस चुनाव से पहले ही हथियार डाल चुकी है।
गत विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच जिस तरह की खींचतान हुई थी, ठीक वैसा ही अब नजर आ रहा है। इस बार विधानसभा के सत्र के दौरान कांग्रेस औपचारिक विरोध भी नहीं कर पा रही है। बीते कुछ दिनों में गुजरात विधानसभा के चार विधायक इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। संभवत लोकसभा के साथ विधानसभा की इन सीटों पर भी चुनाव होगा।
कांग्रेस के दो विधायक वीजापुर से सीजे चावड़ा, खंभात से चिराग पटेल, एक निर्दलीय तथा आम आदमी पार्टी के विसावदर से विधायक भूपत भायाणी पहले ही भाजपा में शामिल हो गए हैं
वही कांग्रेस अपने विधायकों का विश्वास खोने के साथ विधानसभा में नेता विपक्ष का कार्यालय भी खो चुकी है। भाजपा के निशाने पर अभी कुछ और कांग्रेस विधायक हैं। कई राज्यों में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच गुजरात के सत्ता के गलियारों में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस के कुछ पूर्व अध्यक्ष भी पाला बदल सकते हैं।
अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक अर्जुन मोढवाडिया समेत कई नेताओं ने सीधे कांग्रेस आलाकमान को नसीहत दे डाली थी। लोकसभा चुनाव से पहले मोढवाडिया पर भाजपा डोरे डाल रही है, ताकि पोरबंदर के गढ़ को मजबूत किया जा सके।
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