DNB.जगदलपुर । छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला अपनी परम्पराओं से जाना जाता है बस्तर की संस्कृति परम्परा छत्तीसगढ़ के लिए बेहद खास है| बस्तर रियासत के अंतिम व सबसे लोकप्रिय महाराजा रहे स्वर्गीय प्रवीरचंद भंजदेव पर आधारित लघु फिल्म आई प्रवीर द आदिवासी गाड को फिल्म फेयर के लिए नामांकित किया गया है। छत्तीसगढ़ के बस्तर पर बनी यह पहली फिल्म है जिसे फिल्म फेयर में जगह मिली है। फिल्म की पूरी शूटिंग बस्तर और दंतेवाड़ा के ग्रामीण क्षेत्र में हुई है। फिल्म जगत में राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नामांकित होने से रिलीज होने से पहले ही फिल्म चर्चा में आ गई है। फिल्म के निदेशक विवेक कुमार हैं। 20 मिनट की इस फिल्म में प्रवीरचंद भंजदेव के जीवन, संघर्ष और आदिवासियों की उनके प्रति गहरी आस्था को को बताया गया है| निदेशक विवेक कुमार के अनुसार बस्तर महाराजा प्रवीरचंद भंजदेव से आज भी बस्तर के मूल निवासी अपने आप को सीधे जोड़ते हैं। बस्तरवासी महाराजा की कमी आज भी महसूस करते हैं। इसके पीछे एक कारण राजनेताओं द्वारा तैयार किए गए तंत्र का उन्हें फायदा नहीं मिल पाना। बस्तर के मूल निवासियों की पुरानी पीढ़ी मानती है कि प्रवीरचंद भंजदेव होते तो आज ये दिन नहीं देखने पड़ते। बस्तरवासियों की पूरी सुनवाई होती। विवेक ने बताया कि यहां पर वे अपनी फिल्म पूरी कर पाए इसके पीछे स्थानीय लोगों का सहयोग है।