प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली रवाना हो गए। लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह पहली विदेश यात्रा है। अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के अपने इतालवी समकक्ष के साथ द्विपक्षीय बैठक करने की भी उम्मीद है।
प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर 14 जून, 2024 को जी7 आउटरीच शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया क्षेत्र की यात्रा कर रहे हैं।
“मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है। मैं 2021 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूं। पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं,” मोदी ने कहा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत तथा भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि आउटरीच सत्र में चर्चा के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऊर्जा, अफ्रीका और भूमध्य सागर पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन और आगामी जी-7 शिखर सम्मेलन के परिणामों के बीच अधिक तालमेल लाने और वैश्विक दक्षिण के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर होगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हैं।
जी-7 में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
इस बीच जी-7 शिखर सम्मेलन गुरुवार को शुरू हुआ, जिसमें यूक्रेन को 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण के लिए अमेरिका के प्रस्ताव पर सहमति बनी, जिसमें रूस की जमी हुई संपत्तियों को जमानत के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इससे कीव को समर्थन का एक मजबूत संकेत मिला, जबकि यूरोप की राजनीतिक बिसात दाईं ओर खिसक गई है।
यूक्रेन, गाजा में युद्ध और चीन की औद्योगिक नीति पर चर्चा के अलावा, पोप फ्रांसिस जी-7 शिखर सम्मेलन को संबोधित करने वाले पहले पोप बन जाएंगे।
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G7 Summit : प्रधानमंत्री मोदी तीसरे कार्यकाल में पहली विदेश यात्रा पर कल जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली जाएंगे