Fire in Hotel: गुरुवार को सुबह 11 बजे पटना जंक्शन के पास स्थित एक होटल में लगी भीषण आग से 8 लोगों की मौत हो गई. खबर के मुताबिक गंभीर रूप से जख्मी दो और लोगों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है. कुल 45 लोगों का रेस्क्यू किया गया था.
करीब 4-5 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद इस भीषण आग पर फायर ब्रिगेड की टीम ने काबू पाया. इस घटना ने एक बार फिर से होटलों की फायर सेफ्टी की पोल खोल कर रख दी है. एफएसएल की टीम और एनडीआरएफ की टीम मामले की जांच में जुटी है.
अग्निशमन विभाग की डीजी शोभा अहोतकर ने बताया कि आए दिन होटल को फायर सेफ्टी का निर्देश दिया जाता है, लेकिन इन लोगों के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है. कहीं ना कहीं कहा जा सकता है कि होटल में फायर सेफ्टी का ख्याल नहीं रखा गया था जिसके कारण इतनी बड़ी घटना हुई है.
हालांकि पूरे मामले की जांच फिलहाल चल रही है. साथ ही इस आग के कारण करोड़ों का पाल होटल पूरी तरह से जल चुका है. इस होटल का चेन है, अनुमान के मुताबिक आग की इस घटना में 11 से 12 करोड़ का नुकसान हुआ है. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं की गई है.
बता दें कि पाल होटल में जैसे ही आग लगी पूरे आसपास के इलाके में अफरा तफरी का माहौल हो गया. वहीं आसपास के दुकानदार भी काफी भयभीत हो गए. देखते ही देखते भारी संख्या में लोगों की भीड़ जुट गई. लगभग 50 से अधिक दमकल की गाड़ियां लगाई गई जिसके बाद काफी मशक्कत से आग पर काबू पाया गया.
#UPDATE | Bihar: So far 3 people have died and 7 have been seriously injured in the fire that broke out in a hotel near Golambar in Kotwali police station area, in Patna, said Patna SSP Rajiv Mishra https://t.co/yT6pLszXO2
— ANI (@ANI) April 25, 2024
वहीं सिटी एसपी सेंट्रल चंद्र प्रकाश ने बताया है कि ‘इस आग की घटना में छह लोगों की मौत हो गई है. हालांकि अभी उन लोगों की पहचान नहीं हो पाई है. पुलिस पहचान करने में जुटी है. वहीं लगभग 20 लोग जख्मी हुए हैं तथा जो दो लोगों की स्थिति अभी नाजुक बताई जा रही है. सभी को रेस्क्यू करके पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है.’
फायर सेफ्टी मानक के तहत कुछ खास बातों का ध्यान रखना पड़ता है. होटलों, संस्थाओं और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में अग्नि सुरक्षा के उपकरण अवश्य उपलब्ध होने चाहिए. अग्निशमन विभाग से एनओसी भी लेना होता है. बिल्डिंग में स्मोक डिटेक्टर लगा होना बेहद जरूरी है, ताकि खतरे के समय अलार्म बज सके और अलर्ट हो जाएं.
बड़ी इमारतों में सतह को गीला करने के लिए शावर और पानी छिड़काव के लिए स्प्रिंकलर होना चाहिए. हर एक फ्लोर पर दो अग्निशामक यंत्र होना चाहिए. सीढ़ी की चौड़ाई 4.5 फीट होनी चाहिए. समय-समय पर इस सारी चीजों की जांच भी जरूरी है.
वहीं इस अगलगी की घटना में लगभग 45 आदमी को रेस्क्यू करके बाहर निकल गया है. लगभग 20 लोग झुलस गए और इनमें से 8 लोगों की मौत हो गई, जिसमें तीन पुरुष और तीन महिला हैं. वहीं दो गंभीर रूप से झुलसे लोगों का पीएमसीएच में इलाज चल रहा है. अग्निशमन विभाग की तरफ से लगातार आग से बचने के लिए जगह-जगह होर्डिंग पोस्टर भी लगाए गए हैं. जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाते रहते हैं.
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