मंगलवार को किसान संगठनों के दिल्ली जाने के आह्वान पर हजारों प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पंजाब के साथ लगते शंभू बॉर्डर और दाता सिंह वाला बॉर्डर पर धारा-144 लागू होने के बावजूद बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की.
पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर भारी पथराव किया, ऐसे में किसानों को हटाने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. जब प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए तो आंसू गैस के गोले भी दागे गए. फिलहाल बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. वहीं किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया है.
शंभू बॉर्डर से एक बार फिर से किसान दिल्ली की तरफ जाने की की तैयारी में हैं. और बॉर्डर पर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान डटे हुए हैं.वही भारतीय किसान एकता यूनियन उगराहां ने पंजाब में रेल मार्ग रोकने का ऐलान कर दिया है. किसानों ने ऐलान किया है कि 15 फरवरी को पंजाब में कुल 7 जगहों पर रेल मार्ग रोके जाएंगे. पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों के शांतिमय प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें किए जाने से किसान नाराज हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है की बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल हो रहा है. एसएलआर की गोली चलाई गई. प्लास्टिक और रबड़ की गोली चलाई गई और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. हमें खालिस्तानी बताया जा रहा है. आंदोलन का मकसद अपनी मांगें मनवानी है. एमएसपी पर अनाजों की खरीद गारंटी कानून बनाया जाए.
हम टकराव के लिए नहीं आए हैं. या तो सरकार मांगें मान ले या फिर दिल्ली जाने का अधिकार दिया जाए. पहले दिन जो मांग पत्र था वहीं मांग पत्र अभी भी है. दिखाया जा रहा है कि किसानों ने पत्थरबाजी की जो कि ठीक नहीं है. शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से भी किसानों को उठाया गया है, जिन्हें अंबाला पुलिस स्टेशन में रखा गया है. हमारे काफी किसान अस्पताल में उपचाराधीन हैं.
वहीं केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का किसानों के प्रदर्शन पर कहना है की हम चर्चा के लिए तैयार हैं. हमें सभी पक्षों को ध्यान में रखकर बातचीत करनी होगी. मैं किसान संघ से अनुरोध करता हूं कि वे चर्चा का माहौल बनाए रखें. बिना सोचे समझे फैसला लेना संभव नहीं है
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है की मोदी सरकार पहले दिन से ही किसानों के पक्ष में रही है. हम उनके लिए कई योजनाएं लेकर आए. वार्ता इसलिए विफल हो रही है क्योंकि हर दिन नई-नई मांगें जुड़ रही हैं. हम बैठ कर बात करने को तैयार हैं. हिंसा और पथराव कोई समाधान नहीं है, केवल शांति ही समाधान ला सकती है.
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