छत्तीसगढ़ में चावल से बनाये जाने वाले व्यंजन
रितु श्रीवास | छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है, यहाँ चावल से अनेक प्रकार के व्यंजन बनाये जताए है जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है अभी गर्मी के दिनों में छत्तीसगढ़ में बासी खाने की एक अपनी ही परम्परा है | गर्मी के दिनों में बासी खाने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती है | हम चावल को सिर्फ एक भोज्य पदार्थ के रूप में जानते हैं परन्तु आज मैं सभी को चावल के गुणों के बारे में बना चाह रही हु जैसा कि चावल में भरपूर मात्रा में कार्बोहाइड्रेटका सबसे बेहतर स्त्रोत पाया जाता है जिससे शरीर को ऊर्जा प्राप्त होता है साथ ही मोटापा कम करने में सहायता पहुचता है कम समय में पक जाता हैं चावल में कम कैलोरी होती है
जाने क्या है ‘चरोहन’ और इसके फायदे
चावल का पानी जिसको छत्तीसगढ़ में ‘चरोहन’ के नाम से जाना जाता हैं उससे भी स्कीन ग्लो और साइन करता हैं और चावल में फाइबर अधिक मात्रा में होने के कारण कब्ज जैसी समस्या से बचने में अहम भूमिका निभाती है|
जाने चावल से बनाये जाने वाले व्यंजन
छत्तीसगढ़ में चावल और चावल आटा से विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाये जाते हैं चौसला जो कम तेल में बनता है उसमें जीरा रहता है जो भोजन को पकाने में मदद करता है फरा जो कि चावल और चावल आटे को मिक्स करके भाप में बनाया जाता है जिसमे तील मिर्ची का तड़का लगा कर पकाया जाता है भाप में बना हुआ भोजन जल्दी पच जाता हैं और तिल पेट की जलन या अन्य समस्या से दूर रखता हैं | चीला जो कि आटे के घोल से बनता है जिसको भूख नही लगती या भोजन पचाने में दिक्कत होती है उनके लिए यह लाइट भोजन अच्छा असर करती है और गर्मी में बासी और पताल चटनी खाने से शरीर मे पानी की आपूर्ति होती है और नमक और चारोहन पानी के लेवल को मेन्टेन करके हैं जिससे इंसान का शरीर दुरुत और मेहनती लोगो को लू लगने से बचाती है | अइडसा,जो की चावल और गुड के मिश्रण से बनता है इसको मधुमेह के रोगी भी खा सकते है क्योकि गुड और चावल मिल कर स्वादिष्ट होने के साथ ब्लड प्रेशर को मेंटेन करके रखता है | चावल से बनता है मुरकू पापड़ चावल बड़ी जो की स्नेक्स के रूप में उपयोग होता है जिसको बनाने के किये अलग से ट्रिक की आवश्यकता होती है सभी की बनाने की विधि अलग प्रकार की होती है जितना प्रकार उतना अलग टेस्ट सभी चीजो का टेस्ट होता है|

