रितु श्रीवास, 03 मई 2022। छत्तीसगढ़ में अक्ती तिहर का अपना अलग महत्व् है प्रदेश में आज मंगलवार को अक्षय तृतीया यानी अक्ती तिहार को लेकर की तैयारी जोरो पर है। वहीं, कई गांवो में तो बच्चों ने सोमवार को ही तेलमांटी चुलमाटी के साथ हल्दी देवतला नहडोरी की रस्में निभा रहे हैं। अक्षय तृतीया पर जिले के शहरी व ग्रामीण अंचल में गुड्डे और गुडियों की शादी की धूम रहेगी। पूजन के साथ स्वागत टिकावन के बीच ब्याह के गीत भी सुनाई देंगे।
20 रुपए से लेकर 50 रुपए जोड़ी में बिक रहे है गुड्डा-गुड्डियां
राजधनी के आमापारा, गोलबाजार, कालीबाड़ी चौक सहित शहर के विभिन्न बाजारों में मिट्टी के गुड्डे व गुड़ियों की बिक्री होने लगी है। बाजार में 20 रुपए से लेकर 50 रुपए जोड़ी तक में यह बिक रही हैं। अक्ती पर इनकी शादी से पहले घर पर उनकी पूजा की जाएगी। इधर दोपहर बाद पूरी रस्मों के साथ इनकी शादी भी कराई जाएगी।
अक्ती तिहर का मान्यता
आज ही के दिन भगवान कृष्ण ने पांड्वो को अक्षय पात्र दिया था| जब पांडव वन गमन पर थे उस समय भोजन की कमी न हो उसकी पूर्ति के लिए यह पात्र दिया गया था इस दिन संपत्ति के बढ़ते रहने साथ ही अक्षय पात्र के रूप में किसान के पास अगर खेत है तो खेत का पूजा करता है व्यापारी अपने गुल्लक का और गृहणिया अपने आभूषण वस्त्र आदि का पूरा करते हैं|
अच्छी फसल की कामना
अक्षय तृतीया का पर्व किसानों के लिए भी विशेष त्योहार होता है। इस दिन किसान खेतों में अच्छी फसल की कामना के साथ विशेष स्थान पर पूजा.अर्चना करते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान इस दिन नए साल के फसल लेने का त्योहार मनाते हैं। प्रत्येक किसान अपने घरों से धान उड;द तिवरा अरहर आदि फसलों के बीजों को दोना में भरकर गांव के ठाकुरदेव में अर्पण करते हैं और आगामी सत्र में अच्छी फसल की कामना कर विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।