लोक सभा चुनाव-2024 की तैयारियों में जुटी राजनीतिक पार्टियां क्षेत्रीय आधार पर बड़ी संख्या में सीटें जीतने के दावे कर रही हैं। सियासी दांव-पेंच और किलेबंदी कर रही कांग्रेस का दावा है कि 2024 में कर्नाटक में 20 लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा गया है।
आंदोलन और धरना प्रदर्शन के लिए मशहूर कर्नाटक के मंड्या शहर के ऐतिहासिक संजय सर्कल पर आजकल दो बातें चर्चा में है। एक, भीषण सूखे से खेतों में खड़ी गन्ने की फसल का खराब होना और दूसरी मंड्या लोकसभा सीट पर हैवीवेट पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और उनकी पार्टी जद-एस का भविष्य।
चीनी के कटोरे के उपनाम से मशहूर मंड्या की राजनीति कावेरी नदी और वोक्कालिगा अस्मिता से तय होती रही है। भाजपा वोक्कालिगा अस्मिता को हिंदुत्व के आवरण में ढककर यहां अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश करती रही है। हालांकि, भाजपा को अभी तक अपेक्षित सफलता नहीं मिली है।
दूसरी तरफ, पिछले लोकसभा चुनावों में सुमलता अंबरीश के हाथों निखिल कुमारस्वामी की हार के बाद, विधानसभा चुनावों में मंड्या की 8 में से 7 सीटें कांग्रेस ने जीत ली। अपने ही गढ़ में सिर्फ एक सीट पर सिमटने के बाद जद-एस ने डूबती नैया को पार लगाने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया।
भाजपा को अपने पांव जमाने का मौका
अब भाजपा को भी यहां पांव जमाने का मौका मिल गया है। भाजपा ने यह सीट जद-एस के लिए छोड़ दी और सुमलता अंबरीश को चुनावी मैदान से हटाकर कुमारस्वामी का रास्ता भी साफ कर दिया। कुमारस्वामी की जीत से उनकी पार्टी को संजीवनी मिलेगी, लेकिन हार से मुश्किलें बढ़ेंगी। टक्कर कांग्रेस के धनाढ्य प्रत्याशी वेंकटरमण गौड़ा उर्फ चंद्रू स्टार से है।
CM का साख दाव पर है
ओल्ड मैसूरु की चार लोकसभा सीटों- मंड्या, मैसूरु, हासन और चामराजनगर में दूसरे हैवीवेट मुख्यमंत्री सिद्धारामय्या का भविष्य दांव पर है। चामराजनगर के वरुणा विधानसभा क्षेत्र से जीतकर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने सिद्धारामय्या ने खुद कहा है कि यहां की जीत-हार उनका भविष्य तय करेगी। चामराजनगर में दो नए चेहरे भाजपा के एस. बलराज और कांग्रेस के समाज कल्याण मंत्री एच.सी. महादेवप्पा के बेटे सुनील बोस आमने-सामने हैं। यह मुकाबला भी रोचक बन गया है।
राजा बनाम आम आदमी
मैसूरु में तीसरे हैवीवेट और पूर्व शाही परिवार के उत्तराधिकारी यदुवीर कृष्णराज वाडियार भाजपा से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। दूसरी तरफ कांग्रेस ने एम.लक्ष्मण को उम्मीदवार बनाया है। इस तरह कांग्रेस ने राजा बनाम आम आदमी का नैरेटिव बना दिया है। कांग्रेस वोक्कालिगा अस्मिता को भी हवा दे रही है।
देवगौड़ा का पौत्र मोह पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा ने हासन सीट पोते प्रज्वल रेवण्णा के लिए छोड़ दी। गृह नगर होने के कारण सिद्धारामय्या व वोक्कालिगा गढ़ होने के कारण उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ओल्ड मैसूरु में अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
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