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सुप्रीम कोर्ट में पहली बार होंगे तीन दलित जज, CJI डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस प्रसन्ना बी पराले को दिलाएंगे शपथ

केंद्र सरकार ने कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस प्रसन्ना बी वराले को सुप्रीम कोर्ट का जज नियुक्त करने की अधिसूचना जारी की है। राष्ट्रपति ने 24 जनवरी को इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ गुरुवार सुबह 10.30 बजे जस्टिस प्रसन्ना बी वराले को शपथ दिलाएंगे। कॉलेजियम की सिफारिश को केंद्र की मुहर लग गयी है। कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस प्रसन्ना बी वराले को सुप्रीम कोर्ट जज नियुक्त करने की सिफारिश की थी। जस्टिस वराले सुप्रीम कोर्ट में तीसरे दलित जज होंगे।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस अनिरुद्ध बोस) ने 19 जनवरी को जस्टिस वराले को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी।

वराले की नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की क्षमता पूरी हो जाएगी। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस सीटी रविकुमार दलित हैं। जस्टिस गवई देश के चीफ जस्टिस भी बनेंगे।

जस्टिस वराले को 18 जुलाई, 2008 को बॉम्बे हाई कोर्ट के जज के रूप में नियुक्त किया गया था और 15 अक्टूबर, 2022 को कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में पदोन्नत किया गया था। कॉलेजियम के अनुसार, जस्टिस वराले ने बॉम्बे हाई कोर्ट के जज और कर्नाटक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के रूप में काफी अनुभव प्राप्त किया है।

1985 में वराले ने वकील के रूप में की शुरुआत

वराले ने अगस्त 1985 में एक वकील के रूप में पेशे की शुरुआत की। अपने शुरुआती वर्षों के दौरान एडवोकेट एसएन लोया के अंडर में रहकर काम किया। उन्होंने 1992 तक औरंगाबाद में अम्बेडकर लॉ कॉलेज में व्याख्याता के रूप में भी कार्य किया।

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