पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स को दिए ये टिप्स, पढ़ें परीक्षा पे चर्चा के सभी प्रश्न और उनके जवाब। पीएम मोदी का 2 करोड़ स्टूडेंट्स और 14 लाख टीचर्स के साथ सीधा संवाद कार्यक्रम ‘Pariksha Pe Charcha (PPC) 2024’ का आयोजन आज, 29 जनवरी को नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मण्डपम में किया गया।एजुकेशन डेस्क, नई दिल्ली। LIVE Pariksha Pe Charcha (PPC) 2024 Updates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा (PPC) 2024’ में आज यानी सोमवार, 29 जनवरी को देश भर के स्टूडेंट्स, टीचर्स और पैरेंट्स से सीधा संवाद किया। इस दौरान पीएम ने परीक्षा के तनाव, परीक्षा की तैयारी में दबाव, करियर के चुनाव, मोबाइल के सकारात्मक इस्तेमाल, आत्मविश्वास बनाए रखने, आदि जैसे विषयों से सम्बन्धित छात्रों के प्रश्नों जवाब दिए। वर्ष 2018 से शुरू हुए और हर साल बोर्ड परीक्षाओं से पहले आयोजित किए जाने वाले LIVE परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का इस साल 7वां संस्करण आयोजित किया गया, जिसका कि आयोजन नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मण्डपम में किया गया था। साथ ही, इस कार्यक्रम को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर LIVE देखा गया। स्टूडेंट्स द्वारा पूछे गए कुछ प्रमुख सवाल:-मोबाइल को डिस्ट्रैक्शन की बजाय लर्निंग का साधन कैसे बनाएं?पैरेंट्स को कैसे विश्वास दिलाएं कि हम मेहनत कर रहे हैं?स्ट्रीम चुनने की दुविधा और चयन में दबाव को कैसे दूर करें?परीक्षा की तैयारी में स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें?परीक्षा के दौरान होने वाली गलतियों और तनाव का सामना कैसे करें?आप (पीएम मोदी) अपनी बिजी लाइफ में पॉजीटिव कैसे बने रहते हैं?
पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स को दिए ये टिप्स, पढ़ें परीक्षा पे चर्चा के सभी प्रश्न और उनके जवाब ऊधमसिंह नगर उत्तराखण्ड में कक्षा 7 एक स्टूडेंट्स द्वारा मांगे गए अपने जीवन से मार्गदर्शन को लेकर एक सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मै हर चुनौती को चुनौती देता हूं।छात्रा के सवाल: आप अपनी बिजी लाइफ में पॉजीटिव कैसे बने रहते हैं?पीएम का जवाब: मै हर चुनौती को चुनौती देता हूं। मै चुनौती समाप्त होने की प्रतीक्षा नहीं करता। हर चुनौती का सामना करने का नया तरीका खोजता रहता हूं। मै हमेशा मानता हूं कि कुछ भी हो 140 करोड़ देशवासी मेरे साथ हैं। अगर 100 मिलियन चुनौतियां हैं तो बिलियंस ऑफ बिलियन समाधान भी है।मुझे हमेशा पता है कि मेरा देश और मेरे देश के लोग सामर्थ्यवान हैं। इससे हम हर चुनौती का सामना कर लेंगे। मुझे अपने 140 करोड़ देशवासियों पर विश्वास है। मै अपनी शक्ति देश के सामर्थ्य बढ़ाने में लगाता हूं। इससे मै चुनौती को चुनौती दे पाता हूं।मै हर परिस्थिति की एनालिसिस करता हूं। जिसका जिसके पास सामर्थ्य है उसे उसका सही उपयोग करना चाहिए। मैने निराशा की सभी खिड़की बंद कर रखी है। इसलिए जीवन में आत्मविश्वास से भरा रखता हूं। इससे निर्णय में मुझे लेने में मदद मिलती है।
मोबाइल को डिस्ट्रैक्शन की बजाय लर्निंग का साधन कैसे बनाएं?
झारखण्ड के एक पैरेंट्स और हमीरपुर हिमाचल प्रदेश के गार्जियन द्वारा स्टूडेंट्स में बढ़ते मोबाइल के उपयोग को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मोबाइल पर कितनी भी प्रिय चीज आती हो लेकिन समय तो तय करना ही होगा।पैरेंट्स के सवाल: मोबाइल को डिस्ट्रैक्शन की बजाय लर्निंग का साधन कैसे बनाएं?पीएम का जवाब: अति किसी भी चीज की भी जरूरी है। मोबाइल पर कितनी भी प्रिय चीज आती हो लेकिन समय तो तय करना ही होगा। परिवार में कुछ नियम होने चाहिए। खाना खाते समय कोई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट न प्रयोग करने का नियम बनाएं। घर में नो गैजेट जोन बनाएं।टेक्नोलॉजी से बच नहीं सकते हैं लेकिन उसका सही उपयोग आवश्यक है। स्टूडेंट्स को चाहिए कि वे अपने पैरेंट्स को बताएं कि मोबाइल पर क्या-क्या उपलब्ध है। मोबाइल स्क्रीन का पासवर्ड परिवार के सभी सदस्य को पता होने चाहिए। अपने मोबाइल में स्क्रीन टाइम ऐप्प इंस्टॉल कर सकते हैं। मोबाइल का पॉजीटिव यूज की आदत बनाएं।
पैरेंट्स को कैसे विश्वास दिलाएं कि हम मेहनत कर रहे हैं?एक द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि माता-पिता में बच्चों को लेकर ट्रस्ट-डिफिसिट आमतौर पर देखने को मिलता है।छात्रों के सवाल: पैरेंट्स को कैसे विश्वास दिलाएं कि हम मेहनत कर रहे हैं?पीएम का जवाब: माता-पिता में बच्चों को लेकर ट्रस्ट-डिफिसिट आमतौर पर देखने को मिलता है। इससे बचने के लिए टीचर्स और पैरेंट्स को बहुत एनालिसिस के साथ व्यवहार करना चाहिए।एक विद्यार्थी होने के नाते जरूर सोंचे कि जो आपने अपने पैरेंट्स को कहा है क्या आप उसका पालन करते हैं। यदि ऐसा करते हैं तो उनका आप पर विश्वास बनेगा।इसी प्रकार माता-पिता और शिक्षकों को बच्चों के साथ खुलापन रखना चाहिए। यदि बच्चे को समझ में न आए तो उन्हें हतोत्साहित न करें। सिर्फ अच्छे नंबर लाने वाले छात्र पर ही फोकस न करें। सभी छात्र-छात्रा का आत्मविश्वास बढ़ाएं।
स्ट्रीम चुनने की दुविधा और चयन में दबाव को कैसे दूर करेंपानीपत हरियाणा के मिलेनियम स्कूल की 11वीं की एक छात्रा तथा अन्य छात्रों द्वारा पूछे गए स्ट्रीम चुनने को लेकर होने वाले को दबाव लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि निर्णय लेने से पहले सबसे पहलुओं की जांच करनी चाहिए।छात्रों के सवाल: स्ट्रीम चुनने की दुविधा और चयन में दबाव को कैसे दूर करें?पीएम का जवाब: आमतौर पर छात्र-छात्राएं दूसरे के सलाह पर निर्भर होते हैं। दुविधा और अनिर्णायकता सबसे बुरी स्थिति है। निर्णय लेने से पहले सबसे पहलुओं की जांच करनी चाहिए। हम अपने आप को कम न आंके। जो भी चुने उसके लिए पूरी लगन से जुट जाएं।
स्ट्रीम चुनने की दुविधा और चयन में दबाव को कैसे दूर करेंपानीपत हरियाणा के मिलेनियम स्कूल की 11वीं की एक छात्रा तथा अन्य छात्रों द्वारा पूछे गए स्ट्रीम चुनने को लेकर होने वाले को दबाव लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि निर्णय लेने से पहले सबसे पहलुओं की जांच करनी चाहिए।छात्रों के सवाल: स्ट्रीम चुनने की दुविधा और चयन में दबाव को कैसे दूर करें?पीएम का जवाब: आमतौर पर छात्र-छात्राएं दूसरे के सलाह पर निर्भर होते हैं। दुविधा और अनिर्णायकता सबसे बुरी स्थिति है। निर्णय लेने से पहले सबसे पहलुओं की जांच करनी चाहिए। हम अपने आप को कम न आंके। जो भी चुने उसके लिए पूरी लगन से जुट जाएं।
परीक्षा की तैयारी में स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें?
लदाख के केंद्रीय विद्यालय की एक छात्रा तथा अरूणाचल प्रदेश की एक शिक्षिका द्वारा पूछे गए पढ़ाई और स्वास्थ्य को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा किछात्रों के सवाल: परीक्षा की तैयारी में स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें?पीएम का जवाब: जैसे मोबाइल को रिचार्ज करना होता है वैसे ही शरीर को भी रिचार्ज करने की जरूरत होती है। पढ़ाई का मतलब यह नहीं कि और सब कुछ बंद। पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी महत्व है। स्वस्थ मन के लिए स्वस्थ शरीर की आवश्यकता होती है।नियम से कुछ समय निकाले जब आप सनलाइट ले सकें। समय से सोने की जरूरत होती है। कम नींद स्वास्थ्य के लिए अनुचित है। संतुलित आहार लें। माता-पिता को भी चाहिए कि भोजन का ध्यान रखें। कम खर्च में भी संतुलित आहार उपलब्ध है। इसके साथ ही फिटनेस के लिए छात्रों को कसरत करनी चाहिए।
परीक्षा के दौरान होने वाली गलतियों और तनाव का सामना ऐसे करें
पश्चिम त्रिपुरा की एक छात्रा तथा कांकेर छत्तीसगढ़ में केंद्रीय विद्यालय के एक छात्र द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि परीक्षा के दौरान पैरेंट्स अपने बच्चे के साथ सामान्य दिनों की तरह बर्ताव करें।छात्रों के सवाल: परीक्षा के दौरान होने वाली गलतियों और तनाव का सामना कैसे करें?पीएम का जवाब: परीक्षा के दौरान पैरेंट्स अपने बच्चे के साथ सामान्य दिनों की तरह बर्ताव करें। इससे उनमें तनाव परीक्षा के लिए जाने से पहले ही शुरू हो जाता है। छात्र परीक्षा कक्ष में जाने के बाद स्वयं को पहले नॉर्मल करें। डीप ब्रीदिंग कर सकते हैं। एग्जाम हॉल में अनावश्यक तनाव लें।परीक्षा में घबराहट का कारण स्वयं की सोच होती है। क्वेश्चन पेपर मिले के उसे ध्यान से पढ़ें। किसी प्रश्न के लिए कितना समय देना है, इसकी योजना बना सकते हैं।परीक्षा की तैयारी में लिखने की अधिक से अधिक प्रैक्टिस करें। इससे परीक्षा में जल्दी लिखने की हड़बड़ी नहीं होगी। साथ ही, एग्जाम के दिन किसी साथ की लिखने की स्पीड से तनाव न लें।
‘टीचर का स्टूडेंट का नाता क्लास के पहले ही दिन से ए्ग्जाम तक’ आंध्र प्रदेश के संगीत के एक शिक्षक तथा एक अन्य शिक्षा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि टीचर-स्टूडेंट का रिश्ता क्लास के पहले ही दिन से ए्ग्जाम तक होता है।शिक्षकों के सवाल: मै अपने छात्रों का परीक्षा के तनाव से कैसे दूर रखें और उन्हें प्रोत्साहित कैसे करें?पीएम का जवाब: टीचर का स्टूडेंट का नाता क्लास के पहले ही दिन से ए्ग्जाम तक निरंतर बढ़ते रहना चाहिए। इससे परीक्षा के दिनों में तनाव की नौबत ही नहीं आएगी। शिक्षक छात्र से सिलेबस से आगे बढ़कर नाता जोड़ेगा तो परीक्षा के तनाव की स्थिति बनेगी ही नहीं। यदि शिक्षक वर्षभर छात्र से नाता जोड़ता है तो इससे उसमें एग्जाम स्ट्रेस नहीं होगा।
जीवन में चुनौती और प्रतियोगिता होनी ही चाहिए.
पीएम मोदी ने एक अन्य छात्र के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि जीवन में चुनौती और प्रतियोगिता होनी ही चाहिए।छात्र का सवाल: पीअर प्रेशर, कॉम्पटीशन से चिंता से कैसे बचे?पीएम का जवाब: जीवन में चुनौती होनी ही चाहिए। प्रतियोगिता होनी चाहिए लेकिन यह हेल्दी कॉम्पटीशन होना चाहिए। परिवार के रोजमर्रा के जीवन में छात्रों की तुलना का बीज आगे चलकर जहरीला बीज बन जाता है। माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्य अपने बच्चे की किसी से तुलना न करें।दूसरी तरफ छात्रों को हमें अपने दोस्त से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। बल्कि दोनों को एक दूसरे की हेल्प करनी चाहिए। दोनों की ताकत एक दूसरे को जोड़ेगी। दोस्त अपने से अधिक तपस्वी और तेजस्वी चुनने चाहिए और उनसे सीखने का प्रयास करना चाहिए।
हमें स्वयं को हर प्रकार के प्रेशर के लिए तैयार करना होगापीएम मोदी ने ओमान तथा नई दिल्ली के बुराड़ी स्थित एक स्कूल के छात्रों के प्रश्न के जवाब में कहा कि हमें स्वयं को हर प्रकार के प्रेशर के निपटने के लिए तैयार करना होगा।छात्रों के सवाल: परीक्षा के दौरान आस-पास के लोगों, सामाजिक और सांस्कृतिक दबाव को कैसे दूर करें?पीएम मोदी का जवाब: हमे सबसे पहले अपने आप को दबाव को समझना होगा। दबाव अलग-अलग प्रकार के होते हैं। इन दबावों के लिए स्टूडेंट्स, पैरेंट्स और टीचर्स को मिलकर काम करना होगा। मिलकर प्रयास करेंगे तो एग्जाम टाइम में ऐसे प्रेशर से बचे रहेंगे।
‘परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरी भी परीक्षा’ पीएम मोदी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम मेरी भी परीक्षा होती है।