बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के एक आदेश से खलबली मच गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने सभी नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा पास करना अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है। इसके लिए तीन मौके ही रहेंगे। लेकिन, नए आदेश के तहत तीनों मौके के बाद भी असफल रहे नियोजित शिक्षकों के पास यह नौकरी भी नहीं बचेगी।
चार चरणों में होगी परीक्षा
बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के तहत सक्षमता परीक्षा को लेकर विभागीय समिति की बैठक की गई। इस बैठक में तय किया गया कि स्थानीय निकाय शिक्षक जो सक्षमता परीक्षा में शामिल नहीं होते हैं अथवा तीसरे प्रयास में भी परीक्षा में असफल होने पर विभाग की समिति सरकार को आवश्यक अनुशंसा करेगी। विभागीय समिति का कहना है कि प्रत्येक शिक्षक को तीन प्रयास देने के लिए बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को चार चरणों में परीक्षा लेनी पड़ सकती है, क्योंकि कुछ स्थानीय निकाय शिक्षक किसी व्यक्तिगत कारण से किसी परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं। जैसे बीमारी, दुर्घटना इत्यादि होने की स्थिति में वह परीक्षा में भाग लेने में असमर्थ हो सकते हैं। इन सभी कारणों से समिति ने यह निर्णय लिया है कि परीक्षा चार चरणों में ली जाएगी।
जानिए कब से होगी यह परीक्षा
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने पहली सक्षमता परीक्षा 26 फरवरी से आयोजित करने का निर्णय लिया है। विभागीय समिति के अनुसार चारों चरण अति शीघ्र समाप्त कर लिए जाएंगे। विभागीय समिति का कहना है कि जो शिक्षक इन चारों चरणों में होने वाली परीक्षाओं में से तीन चरणों की परीक्षा में नहीं बैठते हैं अथवा तीन से कम चरणों में बैठते हैं अथवा तीन चरणों की परीक्षा में बैठने के बाद भी उतीर्ण नहीं होते हैं तो उन सभी स्थानीय निकाय शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी जाएगी। इस आदेश के बाद शिक्षकों में हड़कंप मच गया हैं।